ठीक तुम्हारे पीछे

 13,00

Language: Hindi (written in devnagri)
Author: Manav Kaul
Cover: Paperback

बहुत सारे कोरे पन्नों के बीच मैंने बहुत सारा ख़ाली वक़्त बिताया है। नाटक और कविताएँ लिखने के बीच बहुत सारा कुछ था जो अनकहा रह जाता था.. कहानियाँ मेरे पास कुछ इस तरह आईं कि मेरी कविताएँ और नाटक सभी पढ़ और देख रहे थे, कहानियाँ लिखना कोई बहुत अपने से संवाद जैसा हो गया था। मैं बार-बार उस अपने के पास जाने लगा..

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